पापा
पापा
कोरोना ने रास्ता है नापा बहुत ही प्यारे थे मेरे श्री पापा
बारिश बिना है ये धरती प्यासी मेरे पापा का नाम था नरसी
खेत किनारे चमक रहा है रेती मेरे पापा करते थे खेत में खेती
होली के त्यौहार में उभरे हैं रंग उतरायन में वो उड़ाते थे पतंग
घर हमारा था झुग्गी झोपड़े दीपावली में वो दिलाते कपड़े
खेत में वो बहुत ही काम करते भगवान शिवा न किसी से डरते
कपड़े मिल में वो करते थे काम रख दिया उन्होंने गुलाब मेरा नाम
पढ़ने न आता था उन्हें बाइबल लेकिन वो चलाते थे साइकल
गांव में मुखिया फूला भाई नामदार मेरे पापा थे एक मिल कामदार
हमारे घर में निकला था एक चिता पापा ने कहा कि तुम सिगरेट मत पीना
पढ़ना चाहे तुम गीता और रामायण श्री गुलाब कहे तुम करना पापा का पूजन