सूरत का हादसा
सूरत का हादसा
महक रहा था जहाँ बच्चों का बाग़,
यकायक उजाड़ गई वो भयावह आग,
जीने की आस में चौथी मंज़िल से छलांग लगाई
फिर भी आग ने आने की हमे वजह नहीं बताई
तक्ष शीला बिल्डिंग है बहुत बड़ी,
जल गई थी आग में उसकी पूरी सीढ़ी
कूद गए वहां से राम और रूचित
कदम उठाए गए हैं उन्होने उचित
लोगों ने जब वीडियो और फोटो खिचाई
केतन ने हिम्मत से दो बच्चों की जान बचाई
कहते हैं कि सूरत का भोजन,
और काशी का मरण अच्छा है, लेकिन
तक्ष शीला में न भोजन मिला,
न पढ़ाई के लिए ट्यूशन मिला,
आग ने रचाई भयंकर लीला,
निर्दोष बच्चों को सजा जो मिला
अफ़सर बनने की रखी थी ख़्वाहिश
लेकिन मर गए उसमे स्टूडंट पूरे बाइस
जब जब ऐसा हादसा होता है
बेकसूर इंसान ही खूब रोता है
जांच कमिशन और इन्क्वायरी होती है
लेकिन क्या पता किस को क्या सजा होती है?
कवि गुलाब कहे कानून सख़्त बनाओ
ऐसे गुनाहगारों को फाँसी पर लटकाओ