संस्कार
संस्कार
कुछ तो कमी रही होगी संस्कार में
दरिंदे बने घूम रहे जो बाजार में
दोषी वे मां बाप भी कम नहीं जो
बेटों को उचित परवरिश नहीं देते
और दूसरों की बेटियों पर तंज कसते
काश अपने बेटे को उचित बर्ताव सिखाएं होते
हर स्त्री की इज्जत का पाठ पढ़ाए होते
उनके कपूत जब इंसानियत शर्मसार करते हैं
कैंडल मार्च निकालकर हम दुख प्रकट करते हैं
कैमरे बढ़ाओ या बढ़ा दो पुलिस की सुरक्षा
शायद ही रुकेगी ऐसी निर्मम हत्या
रोकना अगर इस हैवानियत को है तो
संस्कार सिखाना भी जरूरी है
द्रौपदी का हथियार उठाना भी जरूरी है
इंसानी भेड़ियों में डर फैलाने के लिए
दोषियों को जिंदा जलाना भी जरूरी है।।