बिटिया की शादी
बिटिया की शादी
पापा की नन्ही-सी गुड़िया,
जब बड़ी हो जाती है,
क्या होता है जब उस,
बिटिया की शादी हो जाती है ?
महक उठता था घर आंगन,
जिसकी चहक किलकारी से,
छा जाती थी हर त्यौहार में,
रौनक जिसके घर में होने से ।
आज हर उस कोने में,
उदासी पायी जाती है,
क्यों होता है ऐसा जब उस,
बिटिया की शादी हो जाती है ?
याद आता है बाबुल का,
आंगन जब ससुराल वो आती है,
अपने घर की सबसे छोटी,
तब यहाँ बड़ी बन जाती है,
क्यों होता है ऐसा जब उस,
बिटिया की शादी हो जाती है ?
दुनिया ने भी कैसे,
अजब रीत रिवाज बनाये,
जिन हाथों पला पोसा,
उन्ही से कन्यादान कराये ।
बेटा तो बेटा ही रह गया,
पर बेटी बहु क्यों बन जाती है,
क्यों होता है ऐसा जब उस,
बिटिया की शादी हो जाती है ?
