माँ
माँ
हवा ने कुछ इस तरह चूमा की,
माँ तेरी याद आ गयी।
सूरज की किरणों ने कुछ यूँ देखा की,
माँ तेरी आँखों की ख़ुशी याद आ गयी।
चाँद ने कुछ यूँ पहरा दिया की,
तेरे चहरे की चमक याद आ गयी।
तू बहता एक दरिया है,
भीगता सा किनारा मैं।
माँ हर फूल को देख कर,
तेरी महक याद आती है।
तेरी मेहनत सफल होती है माँ,
जब तू मुस्कुराता हुआ देखती मुझे।
मेरी खुशियाँ अधूरी हैं,
नाराज़ करके तुझे।
तू जब रोती है तो दिल मेरा पिघलता है,
दिन अधूरा-सा गुजरता लगता है।
तेरी मुस्कुराट से दिन बनते हैं मेरे,
तेरे प्यार से सवेरे होते है मेरे।
तू जहान है मेरा, मान है मेरा,
माँ तू प्यार का बहता दरिया है।
