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wasif khan

Drama Romance

3.6  

wasif khan

Drama Romance

काश कुछ ऐसा हो

काश कुछ ऐसा हो

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ऐ ख़ुदा काश कुछ ऐसा हो,

जब ख़ुश होऊँ तो,

चेहरा सामने उसका हो,

जब कुछ सोचूँ तो,

ख़्याल उसका हो।


जब तनहा होऊँ तो,

साथ उसका हो,

जब कुछ महसूस हो तो,

एहसास उसका हो।


जब नाराज़ होऊँ तो,

प्यार उसका हो,

जब कुछ छुपाऊँ तो,

राज़ उसका हो।


जब नींद आए तो,

ख़्वाब उसका हो,

जब ख़ाली रास्तों पे चलूँ तो,

हाथों में हाथ उसका हो।


ऐ ख़ुदा काश कुछ ऐसा हो,

वो मेरी हो और,

मैं उसका होऊँ,

ऐ ख़ुदा काश कुछ ऐसा हो।


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