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wasif khan

Romance Others

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wasif khan

Romance Others

मिलने तुम ज़रूर आना

मिलने तुम ज़रूर आना

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किसी रोज़ तुमसे जो मुलाकात हो

छूटने की फिर न कोई बात हो


पूछ लूं जी भर कर सवाल तुमसे

रूठ जाऊँ फिर एक बार तुमसे


फिर सिरहाने अपने मुझे तुम सुलाना,

पास बैठा रहूँ मैं,

और जी भर नज़रे तुम मिलाना,


शायद इस बार सुना दूं तुम्हें कोई गाना

सुनो तुम मिलने ज़रूर आना


बहुत सूना सा है,

ये वक़्त तुम्हारे बिना।

अभी तो सीखा ही नहीं था,

जीना तुम्हारे बिना।


बेशक़ तेरी मेरी ज़िंदगी,

उलझी हुई सी दिखाई देती है,

मागर सुलझी हुई कहानियां भी तो,

सिर्फ पर्दो पर दिखाई देती है। 


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