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Madhu Vashishta

Romance Fantasy Inspirational

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Madhu Vashishta

Romance Fantasy Inspirational

आया बसंत का मौसम

आया बसंत का मौसम

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गीत होते रूप को, लय ने पुकारा है!

क्या वही मन है हमारा, 

जो तुम्हारा है!

मुस्कुराकर , देखकर तुम्हारा यूं मुड़ जाना।

नजरों से नजरें मिलते ही यूं शर्मा कर छुप जाना।

एहसास करा कर प्यार का

यूं ही अजनबी बन जाना।

अंखियों की ही भाषा से बहुत कुछ कह जाना।

मन ही मन में तुम्हारे गुनगुनाए हुए गीत का मेरे मन में आ जाना।

बेवजह की बातों में एक दूसरे को उलझाना।

शुरुआत है यह प्रेम की

अब दोनों ने मिलकर ही है इस प्रेम गीत को गाना ।

आया बसंत का मौसम है स्वप्न में तो रोज आती हो

एक बार फूलों की बगिया में भी मिल जाना।   


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