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M BOSS मुस्ताक अली शायर

Romance

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M BOSS मुस्ताक अली शायर

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बरसात में भीगी मोहब्बत

बरसात में भीगी मोहब्बत

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बरसात की वो रात मुझे आज भी याद है।

मेरे जिंदगी की वो सबसे हसीन रात थी।

सुहाना मौसम रिमझिम बरसात हो और

आपकी मोहब्बत आपके साथ हो

वह लम्हा जिंदगी का बहुत खूबसूरत लम्हा होता है।


ऐसा ही एक खूबसूरत लम्हा मेरे भी हक में आया।

मुझे आज भी याद आया हमारी वह मुलाकात

शाम का वक्त था जब हमारी मुलाकात हुई।

मौसम बहुत हसीन था फिजा में भी नमी लग थी।

बातें करते करते और साथ में चाय का मजा पता ही नहीं

चला श्याम कब रात में बदल गई।


बादल रिमझिम बरसने लगे

हम बारिश में भीगने लगे।

बारिश के हर बूंद हमारी मोहब्बत को जवां कर रही।

धीरे-धीरे बरसात बढ़ती गई

हम पूरी तरीके से भीग गए थे

हमारे जिस्म थरथरा रहे थे।

अचानक से बिजली कड़की 

डर के मारे वह मेरे सीने से लिपट गई।


ऐसा लगा बिजली सीधा आसमान से आकर मेरे सीने से लिपट गई।

मैं उसको संभालते हुए उसके घर छोड़ दिया।

उसके बाद हमारी बहुत सारी मुलाकाते हुई।

लेकिन वह बरसात में भीगी मुलाकात यादगार बन गई।


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