काश मेरे सीने में दिल ना होता
काश मेरे सीने में दिल ना होता
काश मेरे सीने में
दिल ना होता
तो शायद जुदा होने में
इतना दर्द ना होता...
कितना अच्छा होता अगर
मुझे आंखें ना होती
तो शायद तुझे देखने के लिए
नजरों का यूं तड़पना ना होता....
लिखने वाले ने लिखे होते
मेरे जीवन में सिर्फ गम ही गम
तो शायद खुशियों के लिए
मेरा यूं तरसना ना होता......
पत्थर का दिल होता अगर मेरा
तो शायद तुम्हारी अदाओं को देखकर
मेरा यूं बहकना ना होता....

