तेरी यादों की बारिश
तेरी यादों की बारिश
देखो न कितना सुहाना मौसम है,
हल्की बूंदा बूंदी बारिश में भींगना।
संग झिमिर झिमिर पानी में खेलना,
याद आ रहा है वो खिलखिलाना।
अब तो तुम गांव से शहरों में चली,
सूना पड़ गया ये बारिश का महीना।
जब भी उमड़ता बादल नजर आता है,
याद आ जाता है तेरा वो मुस्कुराना।
वो दिन भी क्या दिन थे बचपन के ,
झूमती हुई याद आती है वो कशिश,
वो दौर ही क्या दौर था हमारे गांव का,
अब भी याद आती है वो बचपन की
तेरी मेरी यादों की बारिश......