अच्छा हुआ
अच्छा हुआ
अच्छा हुआ तुम छोड़ गए मुझे,
तुम कब थी मेरी जो साथ थी।
शरीर से कोई अपना नहीं होता है,
आत्मा का मिलन जरूरी होता है।
प्यार प्यार कहने से प्यार नहीं होता है,
तुम्हारे हैं कहने भर से अपना नहीं होता है।
झूठे वादे और झूठे कसमें थी तुम्हारी
तुमने प्यार की कद्र तक नहीं की मेरी।
तुम्हारे जाने का गम और दर्द है दिल में,
पर ऐसे ही खुद को अंधेरे में रखा मैंने।
आज पता चला तुम हो कौन मेरे,
संभाल लेंगे खुद को गम से तेरे।