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Namrata Rastogi

Romance

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Namrata Rastogi

Romance

इश्क़

इश्क़

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कुछ भी कहो ये इश्क़

बड़ा ही खूबसूरत है

हर उम्र में इंसान को

इसकी जरूरत है

इश्क़ इंसान को जीने का

शऊर सिखाता है


जो इश्क़ में है ना जाने क्यों

वो शख्स हरदम मुस्कुराता है

बियाबां में भी लगता है

खिले हो फूल हर तरफ जैसे

समंदर को देखकर जैसे

किनारा झूम जाता है


इश्क़ में तन्हाइयां भी

महफ़िल सी लगती हैं

खुली आँखों से आशिक़

सात अम्बर घूम आता है


अलग है दुनिया इसकी तो

अलग रिवायतें भी है

थोड़ी सी नोकझोक है

थोड़ी शिकायते भी है

ना जाने कब कोई चेहरा

दिल पे काबिज हो जाता है


कुछ भी कहो ये इश्क़

बड़ा ही खूबसूरत है

हर उम्र में इंसान को

इसकी जरूरत है

इश्क़ इस को जीने का

शऊर सिखाता है!


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