प्रेम की ज़िंदगी-दिकु
प्रेम की ज़िंदगी-दिकु
ऐ किस्मत सुन
हर सज़ा के लिये तैयार हूँ मैं
अगर तेरी नज़र में गुनाहगार हूँ मैं
शर्त फक्त इतनी है
की मुजे मेरी ज़िंदगी वापिस लौटानी होगी तुजे
कुछ भी नही चाहिये मुजे,
बस मेरी मोहब्बत *दिकु* का तलबगार हूँ मैं
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये

