तेरी यादों की बारिश...।
तेरी यादों की बारिश...।
तू थी तो हर पल होंठों पर मुस्कान रहती,
आंखों में न जाने अजीब सी चमक मुझे घेरे रहती,
पर
तेरे जाने के बाद मानो जुड़ गया इनसे हो नाता,
बहते अश्रु और होंठों की उदासी से,
तू थी पास मेरे जब तक कोई ग़म पास नहीं मेरे,
तेरे जाने के बाद मानो वहीं बने मेरे सुख दुख के साथी,
तू थी तो बारिश में भीगना भी सुकून देता था,
अब तो मानो खुद मेरे अश्रू धारा से भीगता मेरा बदन है,
हर पल तेरी यादों में तेरे साथ बिताए पलों में,
खुद को ढूंढने की कोशिश कर रहा हूं,
न जाने कैसा पागल सा फितूर चढ़ा है,
हर पल हर जगह तू ही तू दिखती है,
मानो मुझसे हमारी बातें किया करती है,
तेरा ही चेहरा हर पल नजरों के सामने रहता है,
न जाने यह सच है या मेरा ख्वाब,
पर जैसा भी दिल को सुकून मिलता है,
तेरे पास होने का एहसास होता है।

