जी भर के तुमको देख
जी भर के तुमको देख
बैठो तुम सामने जी भर के मैं तुमको देखूँ,
कैद नज़रों में मेरी जान मैं तुमको कर लूँ।
बातें करनी है मुझे तुमसे मगर फुर्सत में,
अपनी तन्हाई ख़त्म आज मैं तुमसे कर लूँ।
क्या-क्या सोचा था तेरे बारे में मैंने पहले,
अब है चाहत मेरी मैं खुद को परेशान कर लूँ।
दिल ने समझा ना कभी इसकी ज़रूरत क्या है,
जब मिला दिल से तेरे दिल तो निगहबान कर दूँ।
मेरे अल्फाज़ मेरे दिल की बात कह ना सका,
अब है ज़ज्बात तुझे दिल की रियासत कह दूँ।
दिल का सादा हूँ मुझे दुनिया की फिक्र ना हुई,
दिल है नादान तुझे दिल ही इनायत कर दूँ।
आज कितनी है खुशी बयान करना मुश्किल है,
आज ख्वाहिश है सरेआम मैं तुझको कर दूँ।
इश्क़ करने की वजह आज भी मेरी तुम हो,
मैं तेरे वास्ते दुनिया से बग़ावत कर दूँ।
एक एहसान करो तुम भी टूटकर चाहो,
मैं तेरे दिल को मोहब्बत में कयामत कर दूँ।
एक मंज़र वो मुलाकात याद है दिल में,
पहली चाहत हो मेरी तुमको मैं साबित कर दूँ।