धर्मांधता अंधविश्वास
धर्मांधता अंधविश्वास
धर्मांधता के झांसे में ना आना
बदले में पड़ेगा बहुत कुछ चुकाना
अंधश्रद्धा से भक्ति न होती
होता नहीं है ईश्वर को पाना
अंधविश्वास के बदले मिले क्या
बेज़ुबान पशुओं की बलि ना चढ़ाना
ईश्वर नहीं कहता पशुओं की बलि हो
सच्चे भाव से तुम ईश्वर को पाना
ईश्वर को भाव से स्वयं का समर्पण
कर दो तो पा लोगे परमात्मा बंधन
ज़्यादा चढ़ावे से ख़ुश ना ये होंगे
ईश्वर तो भूखे हैं भाव से हो समर्पण
ख़ुद को जो समझे ईश्वर का अवतार
ऐसे लोगों से तुम अपना दामन बचाना
सरल पाठ विधि से तुम करो अपनी मुक्ति
अंधश्रद्धा से ख़ुद को बचाना
सदाचरण और परोपकार से
हर दिल में लोगों के ईश्वर को पाना
टोना टोटकों से कुछ भी ना होगा
उल्टा पड़ेगा तुम्हें यह चुकाना
मानव सेवा ही सच्चा धर्म है
धर्मांधता के झांसे में ना आना।
