वो और मैं - 3
वो और मैं - 3
वो-जानती हो बेहद ख़फ़ा था मैं उन सबसे।
मैं-हम्म...फिर?
वो- एक दिन उठायी अपनी दुनिया और अलग निकल गया।
मैं- तो अब इतने खाली खाली क्यों हो?
वो- बी तुम चौंका देती हो? तुमने कैसे जाना?
मैं- तुम्हें गौर से पढ़ती हूँ बस..।
वो-बी...मैंने बहुत बड़ी गलती की पर तब दम घुटता था।
मैं- दम वाकई घुटता था या....अपना राज चाहिए था?
वो-बी ...समय छल गया मुझे।
मैं-हम्म..होता है ऐसा जब हम अपनी इच्छाओं को वरीयता देते है।
वो-तब सही लगता था बी लेकिन अब सोचता हूँ कुछ सब्र और कर लेता!!
मैं-कोई नहीं जो बीत गया सो बीत गया।
वो-थैंक्स बी, मन हल्का हुआ।
मैं-ऐनी टाइम बडी