उसके बाद गहरी लम्बी चुप्पी छा गई थी...हमेशा के लिए। उसके बाद गहरी लम्बी चुप्पी छा गई थी...हमेशा के लिए।
वह हमसफर जिसे रूपये कमाने की दीवानगी में राजेश ने खो दी थी। वह हमसफर जिसे रूपये कमाने की दीवानगी में राजेश ने खो दी थी।
अपने साथ इस लोकनृत्य की ऊर्जा लेकर जा रही थी। अपने साथ इस लोकनृत्य की ऊर्जा लेकर जा रही थी।
इस कल के आने से पहले कहीं उनके जीवन के सफर का आखरी पड़ाव ना आ जाए I इस कल के आने से पहले कहीं उनके जीवन के सफर का आखरी पड़ाव ना आ जाए I
तो क्या संदली भी उस गहने बंगले कारों की दुनिया मे वही घुटन महसूस करने लगेगी जो। ... तो क्या संदली भी उस गहने बंगले कारों की दुनिया मे वही घुटन महसूस करने लगेगी जो। ...