शिक्षा विकास के लिए
शिक्षा विकास के लिए
हसनैन कक्षा के मेधावी के साथ-साथ संवेदनशील छात्रों में से एक है।यह संवेदनशीलता उसे उसके परिवार से वातावरण से मिली है। उसके पिता जी कुछ पारिवारिक समस्याओं और कुछ शिक्षा को बचपन में अपरिपक्व आयु की नासमझी के कारण स्कूली शिक्षा उचित ढंग से प्राप्त नहीं कर पाए।इस बात की समझ उन्हें जब तक आई तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसके बाद पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्हें इतना समय नहीं मिल पाया कि वे अपना अध्ययन ज़ारी रख पाते। अपने जीवन में कई बार उन्हें ऐसा अनुभव हुआ कि बचपन में नासमझी के कारण अपनी पढ़ाई ठीक तरह से न करके उन्होंने अपना बहुत अधिक नुकसान कर लिया है। आज वे कक्षा के उन गिने-चुने विद्यार्थियों के अभिभावकों में से एक हैं जो अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई को लेकर बहुत उत्साहित रहते हैं। अपने बचपन की सभी बाल-सुलभ चेष्टाएं और अपेक्षाएं भी उनके स्मृति पटल पर अंकित हैं इसलिए वे अपने बच्चों की पढ़ाई- लिखाई के साथ उनके बहु आयामी व्यक्तित्व विकास का पूरा ध्यान रखते हैं। किसी भी संदेह की स्थिति में वे मार्गदर्शन प्राप्त करने में किसी प्रकार का संकोच नहीं करते हैं। दैनिक श्रमिक के रूप में कार्य करते हुए भी वे नियमित अभिभावक-अध्यापक बैठकों में नियमित रूप से आते हैं और बैठक में सभी अभिभावकों के बीच अपने विचार भी साझा करते हैं।वे सदैव इस बात की चर्चा किया करते हैं कि अपने बचपन में वे अपने पढ़ाई-लिखाई उचित ढंग से न कर पाने के दर्द की सदा अनुभूति करते हैं और यह त्रुटि उन्हीं तक सीमित रहे इसलिए बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए वे कृत-संकल्प हैं।
आज कक्षा के विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी आज की आॅनलाइन बैठक में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रहना था। अधिकतर बच्चों के अभिभावक इस बैठक में सम्मिलित हो सकें इसलिए सायंकाल आठ बजे का समय रखा था ।सभी अभिभावकों से उनके बच्चे के कम से कम एक गुण की चर्चा करने का निवेदन किया गया था। उनसे कहा गया था कि बच्चे की कमियां तो अधिकतर ढूंढते ही रहते हैं और उनकी शिकायत भी यह सोचकर करते रहते हैं कि शिकायत करने से उनका बच्चा उस अवगुण या अवांछित क्रियाकलाप से मुक्त हो जाएगा।आज की बैठक को शिकायतों मुक्त और प्रशंसा से परिपूर्ण बनाया जा सके ताकि बच्चे अपने पसंदीदा गुणों को अपने चरित्र में अंकुरित करके उसे प्रयासपूर्वक पुष्पित और पल्लवित कर निज जीवन को उत्तरोत्तर प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। अधिकांश अभिभावक इस प्रस्ताव से सहमत थे अपवाद स्वरूप भी कुछ अभिभावक थे जिनके अनुसार निर्धारित बैठक में उनके पाल्यों की समस्याओं पर भी विचार और चर्चा किए जाने का भाव स्पष्ट रूप से समझा जा सकता था।
सभी अभिभावक इसके पहले जब अभिभावक-अध्यापक बैठक होती थी तब हसनैन के पिताजी के विचारों से सकारात्मक रूप से प्रभावित होते थे तो आज की इस अॉनलाइन चर्चा में सबसे पहले उन्हें ही सुनना चाहते थे।सभी अभिभावकों की इस इच्छा से जब उन्हें अवगत कराया गया तो उन्होंने सबसे पहले अपने विचार रखने के लिए अपनी सहमति दे दी।
बैठक में अपने विचार रखते हुए उन्होंने बताया कि हमेशा से ही हर मां-बाप का सपना होता है कि उसका बच्चा समाज में एक ऐसा स्थान हासिल करें जिससे मां-बाप का सीना गर्व से चौड़ा हो जाए हम सब आज जिस स्थिति में हैं उससे कहीं अधिक अच्छे की इच्छा हम सबके माता-पिता ने की होगी। मैं यह बिल्कुल नहीं कहता कि कोई काम छोटा है।हम जहां भी हैं जो काम करते हैं उसे पूरी इज्जत देते हुए उस काम को पूरा करें। हममें से बहुत सारे लोग जो काम करते हैं उसे करते हुए हम अपने परिवार-बच्चों-समाज को जो समय देना चाहते हैं नहीं दे पाते हैं क्योंकि हमारे काम हमें उसके अनुसार अवकाश नहीं दे पाते।यह भाव भी हमारे मन में नहीं आना चाहिए कि आज जब नौकरी नहीं मिलती तो पढ़ाई का कोई फायदा नहीं।शिक्षा से हमें नौकरी नहीं बल्कि मुक्ति मिलनी चाहिए। शिक्षा से हमारे बच्चों का जीवन बदलेगा। शिक्षा हमारे बच्चों के विकास के लिए है। अब मैं चाहता कि आप लोग भी अपने विचार प्रस्तुत करें।