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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

जीवन में क्या बनें ?

जीवन में क्या बनें ?

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आज हमारी कक्षा की छात्रा जिज्ञासा ने अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति के अनुसार अपनी जिज्ञासा के पिटारे से एक बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रश्न निकाल कर कक्षा में चर्चा के लिए रखा। यह प्रश्न उसके अपने बारे में व्यक्तिगत प्रश्न था । उसने पूछा-" मुझे भविष्य में क्या बनना चाहिए और इसके लिए मुझे विशेष रूप से क्या करना चाहिए? "

मैंने कक्षा के मानीटर सुबोध से मैंने पूछा -" क्या तुम जिज्ञासा बहन की इस समस्या के सामाधान के लिए कुछ सुझाव देकर सहयोग कर सकते हो?

सुबोध ने कहा-"सबसे पहले तुम्हें जिज्ञासा बहन को बधाई देना चाहता हूं कि वह अभी से ही अपनी करियर को लेकर सजग हैं। प्रायः अधिकतर किशोरावस्था में लोग यही सोचते हैं कि अभी तो भी बहुत छोटे हैं। अभी से उन्होंने अपने भविष्य के लिए क्या सोचना ।जब वे और बड़े होंगे तब देखा जाएगा लेकिन जिज्ञासा बहन के मन में अपने भविष्य को लेकर अभी से चिंतन की प्रक्रिया शुरू हो गई है ।यह बहुत शुभ लक्षण है और उससे ज्यादा सुखद बात यह यह कि वे अपनी जिंदगी प्रक्रिया में लोगों के सुझाव आमंत्रित कर रही हैं। लोगों से लिए गए सुझावों के बारे में जैसा आप भी अक्सर हमें सतत प्रेरित करते रहते हैं कि हमें सुझाव अनेक जगहों से ले लेने चाहिए परंतु अंतिम निर्णय सोच विचार कर अपनी रुचि, क्षमता और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं ही लेना चाहिए।हमें अपने आसपास के लोगों ,क्षेत्र की समस्याओं, उनके समाधान के लिए उपलब्ध अवसरों और संभावित चुनौतियों का बड़ी सजगता के साथ सतत् अवलोकन करते रहना चाहिए। परिवर्तन इस संसार का शाश्वत सत्य है और जीवन में परिस्थितियां भी प्राय: धीरे-धीरे और कभी-कभी बड़ी तेजी के साथ बदल जाती है और बदलते समय के अनुसार हमारे फैसलो को बदलना भी सदैव उचित होता है। आज कोई चीज या परंपरा चलन में है तो आने वाले समय में वह बिल्कुल चलन से बाहर हो सकती है ।बहुत सारे ऐसे अवसर जिनके बारे में आज तक हमने कल्पना भी नहीं की होती है ।आगे चलकर नये अवसर उत्पन्न होते हैं ।यह सब हमारे हमारे कार्य ,हमारे कार्य क्षेत्र और जीवन को भी प्रभावित कर सकते हैं या यूं कहिए कि कर ही देते हैं।"

कुछ क्षण रुककर सुबोध ने कहना जारी रखा-"आपके द्वारा हम लोगों को प्रेषित करते हुए जो बात कहीं जाती है कि सबसे पहले हम एक अच्छे इंसान बनें।इसके हम जो भी कार्य चुनें उसे पूरा निष्ठा, ईमानदारी और कर्त्तव्यपरायणता से पूरा करें ।इसी भावना के अपनी रुचि, उपयुक्तता, क्षमता को ध्यान में रख जो भी कार्य चुनेंगे वही सर्वाधिक उचित होगा। हम सबको अपने हृदय में मानवीय गुणों को अपना स्वाभिमान बनाए रखते हुए अपने अंत:करण में सभी के लिए स्नेह,समता, समानुभूति, सहयोग की भावना सदैव बनाए रखनी चाहिए। संसार में पारस्परिक संबंधों को पूरी तरह से उचित तरीके से ध्यान में रखा जाना चाहिए।इस संसार में कोई भी काम छोटा नहीं है इसलिए किसी कार्य को हेय दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए।हर व्यक्ति को ध्यान रखना है कि वह जिस भी दायित्व का निर्वहन करे वह हमारे सम्पूर्ण समाज के लिए कल्याणकारी हो।"

अब और नये विचार रखने की बारी प्रकाश की थी-" मैं सुबोध भैया को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मुझे इनके अंदर एक बहुत ही योग्य 'करियर काॅउन्सिलर' देख रहा हूं। इनकी बात में कुछ सुझाव और जोड़ना चाहूंगा। बाल्यकाल शिक्षा और स्वास्थ्य का स्वर्णिम काल होता है। हमें अपने उत्कृष्ट स्वास्थ्य के स्वास्थ्य संबंधी नियमों जिन्हें हम अपने पाठ्यक्रम की विविध पुस्तकों में पढ़ते हैं उनका पालन करना चाहिए। अच्छे स्वास्थ्य के साथ शैक्षणिक, बौद्धिक, चारित्रिक एवं नैतिक मूल्यों का भी समुचित विकास किया जाना चाहिए।जो भी कार्य कर रहे हैं उसमें प्रवीण हों। आपके के कार्य में किए जाने व नवोन्मेषों के लिए प्रति सचेत रहते हुए अपने आपको अपडेट करते रहना चाहिए ताकि बदलते समय के अनुसार आप अपने को ढाल सकें।यह एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण तथ्य है कि आप किसी विशेष क्षेत्र में अपने अध्ययन को ध्यान में रखते हुए विद्यालय स्तर से कार्य की आवश्यकता के अनुरूप अपने विषयों का चयन करना चाहिए। जैसे इंजीनियरिंग के लिए मुख्य रूप से भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित ; चिकित्सा क्षेत्र के लिए विशेष रूप से जीव विज्ञान और इसी प्रकार कार्य की प्रकृति के अनुसार विषयों का अध्ययन किया जाना चाहिए। कार्य की प्रकृति के अनुरूप मानसिक और शारीरिक फिटनेस का होना भी अत्यावश्यक है। किसी भी प्रकार के संदेह की स्थिति में 'करियर काॅउन्सिलर' की सहायता अवश्य लें। किसी भी कोर्स के लिए आर्थिक पक्ष की जानकारी भी होनी चाहिए और इसकी उपलब्धता के विकल्पों की भी विधिवत जानकारी होनी चाहिए।ये सारी जानकारियां केवल जिज्ञासा बहन के लिए ही नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए समान रूप से लागू होती है।"

मैंने कक्षा को बताया-"सुबोध और प्रकाश ने जिज्ञासा के इस महत्त्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर के रूप में बहुत ही अच्छी तरह से जानकारी दी है।हम सब की ओर इन्हें बहुत-बहुत बधाई और तुम सबसे यही आशा कि तुम सब एक उत्कृष्ट इंसान और उत्तम कार्य करने वाले बनो।


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