सुबह सवेरे उठा तो तुम्हारी गहरी आंखें याद आई.. हिरनी सी कहूं क्या सुबह सवेरे उठा तो तुम्हारी गहरी आंखें याद आई.. हिरनी सी कहूं क्या
अब मैं चाहता कि आप लोग भी अपने विचार प्रस्तुत करें। अब मैं चाहता कि आप लोग भी अपने विचार प्रस्तुत करें।
बुत बन चुकी थी, उसने आस्तीन के सांप को दूध पिलाया था। बुत बन चुकी थी, उसने आस्तीन के सांप को दूध पिलाया था।