Kunda Shamkuwar

Abstract Others Fantasy Romance

4.5  

Kunda Shamkuwar

Abstract Others Fantasy Romance

मोहब्बत

मोहब्बत

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इस हवेली को चंद सालों पहले उसने छोडा था कभी न वापस आने के इरादों के साथ। लेकिन जिंदगी न जाने कब कैसे खेल रचती है कि बस!

आज इतने दिनों के बाद यहाँ इस हवेली में उसका दोबारा आना हुआ। कभी खुशनुमा रहनेवाली यह हवेली आज न जाने क्यों उदास लग रही है।आज यह शाम उसे इस हवेली में जैसे ठहरी ठिठकी सी लग रही है....

उसके मन में गहरे अंदर तक गिल्ट हो रहा था की यहाँ इस हवेली में उसका सुधा से सामना होगा। सुधा, अमित की पहली पत्नी सुधा....

सुधा की बात से उसे याद आया जब इसी हवेली में उसका पहली बार अमित से सामना हुआ था।अमित उस हवेली का मालिक....

जानते हुए की अमित और सुधा मैरिड है फिर भी न जाने क्यों वह अमित की ओर आकर्षित होने लगी। कुछ दिनों के बाद अमित सुधा को छोड़कर उसके साथ रहने लगा। दूसरे शहर में, लिविंग टूगेदर में...वह दूसरी पत्नी थी या फिर और? इस विचार को उसने जैसे झटक ही दिया। उसे फिर से गिल्ट होने लगा था....

इस बार ऑफिस की ज़रूरी मीटिंग के सिलसिले ने उसे इस हवेली में आना हुआ। उसने खुद को समझाया यह कहते हुए की एक रात की ही तो बात है। कल मीटिंग खत्म होगी। शाम को शॉपिंग फिर बाहर से ही कुछ खाकर लौटना और सुबह सबेरे की फ्लाइट। कोई गुंजाइश ही नही बची थी उसकी और सुधा के मिलने की....

जैसे तैसे वह एक हैंडबैग के साथ हवेली में अंदर जाने के लिए आगे बढ़ी तो उसे सुधा नज़र आयी।उसकी आँखों मे छायी उदासी से एक बारगी वह कांप उठी .... मन के गिल्ट ने दोबारा दस्तक दी...

सुधा से वह नज़रे नही मिला पा रही थी। लेकिन सामने दिखने पर क्या? बात तो करनी ही होगी न? उसने धीरे से हैलो कहते हुए हाल पूछा। उसने कहा," हाल का क्या कहना? वह तब भी अच्छे थे और आज भी...."और सुधा प्रश्नवाचक मुद्रा से हँसने लगी.... लेकिन उसके आँखों में तैरती उदासी साफ़ नज़र आ रही थी....

सुधा ने आगे कहा, "अमित कैसे है? तुम्हारे साथ आये क्यों नही? आना चाहिए था उन्होंने भी... अर्सा हुआ उनको देखे हुए..."

वह ख़ामोश रही...शायद वह ख़ामोशी ही उन सारे सवालों का जवाब थी और साथ ही उसके गिल्ट को भी छुपाने का सहारा भी....

यहाँ के लिए निकलने के पहले ही अमित ने मुझे कहा था, "देखो, तुम ही जाना वहाँ उस हवेली में। मैं सुधा का सामना नही कर पाऊँगा।"

आज तक मुझे अपनी मोहब्बत पर नाज़ था लेकिन आज सुधा से मिलने के बाद मुझे अहसास हुआ की मोहब्बत कोई छिनने वाली चीज नही है.....


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