जाबाज सिपाही
जाबाज सिपाही
27 फ़रवरी 2019 सुबह करीबन 10 बजे का समय.. भारतीय वायसेना की राड़ार पर सिगनल आने लगे। सिग्नल आते ही सभी जवान एकदम अलर्ट हो गए।
उन्हें पता लगा पाकिस्तानी वायुसेना के 24 लड़ाकू विमान भारत भी सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे है। वे LoC पार करते हुए जम्मू कश्मीर के राजौरी से पश्चिम की ओर बढ़ने लगे। बिगड़ते हालातों को देखते हुए वायुसेना तुरन्त एक्शन में आ गई और भारतीय वायुसेना ने अपने फाइटर जेट्स को तैयार किया।
भारत ने भी अपने सबसे अच्छे फाइटर जेट्स को चुना, जिनमे सुखोई-30 MKI, मिराज 200 और MIG-21 वायसन शामिल किए गए। सभी ने एक साथ उड़ान भरी और भारत पाकिस्तान के बीच हवाई युद्ध शुरू हो गया। M-21 के पायलट थे - कमांडर अभिनंदन वर्धमान।
उन्होंने देखा पाकिस्तानी जेट F-16 ने कश्मीर के एक गांव को A to Air मिसाइल से टारगेट किया है। उन्होंने तुरन्त M-21 को उसके पीछे लगा दिया, जिसकी वजह से F-16 का निशाना चूक गया और भारत को उस मिसाइल से किसी भी तरह का कोई लॉस नहीं हुआ।
दोनों जेट्स M-21 और F-16 में Dog Fight शुरू हो गई। जब दो या अधिक एयरक्राफ्ट्स के बीच हवा में नजदीकी रेंज से युद्ध /लड़ाई होती है, उसे Dog Fight कहते है। देखते ही देखते दोनो जेट्स लड़ते हुए LoC पार कर गए और विंग कमांडर अभिनंदन को इस बात का आभास ही नहीं हुआ कि वह पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हो गए। भारतीय विमान पाकिस्तानी जेट पर हावी होने लगा और M-21 ने F-16 को हवा में ही उड़ा दिया। लेकिन साथ ही M-21 खुद भी ध्वस्त हो गया।
M-21 के क्रैश होने का पता लगते ही विंग कमांडर (रैंक) अभिनंदन ने अपना पैराशूट लिया और उसमे से कूद गए। M-21 के टुकड़े होकर मलबा पाकिस्तान के एक गांव में गिरा। कमांडर का पैराशूट PoK के होड़ा नाम के गांव में उतरा। जैसे ही कमांडर अभिनंदन नीचे गिरे.. गिरते ही वह बेहोश हो गए। उन्हें वहा बेहोश पड़ा देखकर आसपास लोगो की भीड़ इकट्ठा हो गई और सब उनके होश में आने का इंतजार करने लगे क्योंकि वे नहीं जानते थे कि यह भारत का सिपाही है या पाकिस्तान का।
कमांडर अभिनंदन जब होश में आए तो अपने आसपास लोगो की भीड़ देखकर उनसे पूछा - ये भारत है या पाकिस्तान ? भीड़ में खड़े एक नौजवान ने झूठ बोलते हुए कहा - भारत ! कमांडर ने उसकी बात पर भरोसा किया और उन्हें इस बात की खुशी हुई कि उनका मिशन कामयाब हुआ। उन्होंने इसी खुशी और जोश में भारत माता की जय.. हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा दिए..।
जब उन्होंने देखा कि भीड़ में खड़े एक भी व्यक्ति ने उनका साथ नहीं दिया तो वो थोड़े हैरान हुए। उन्होंने फिर से पूछा कि ये भारत का कौनसा इलाका है ? इस बार जवाब में लोगो की भीड़ ने पाकिस्तान आर्मी जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। तब उन्हें एहसास हुआ कि वह भारत में नहीं पाकिस्तान में आ गए है। उन्होंने तुरन्त अपनी गन निकाली और लोगो की तरफ प्वाइंट करते हुए उन्हें खुद से दूर रहने के लिए बोला।
सभी लोग शांत खड़े उन्हें देखते रहे। कमांडर ने जब देखा कि लोग एकदम शांत है तो उन्होंने कहा - मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा है, मुझे पीने को पानी मिलेगा। किसी ने उन्हें पानी नहीं दिया और धीरे धीरे उनकी तरफ बढ़ने लगे। कमांडर ने एयर फायर किया और वहा से भाग निकले। सभी लोग उनके पीछे भागने लगे। कमांडर भागते हुए एक छोटे से तालाब के पास जा पहुंचे। वहां उन्होंने अपने सारे जरूरी और संवेदनशील दस्तावेज पानी में फेंक दिए ताकि पाक सेना को उनके बारे में कोई भी ऐसी जानकारी ना मिल पाए जिससे देश को जरा भी खतरा हो।
लोग उनका पीछा करते हुए तालाब के पास पहुंच गए। उन सभी ने अपने हाथो में पत्थर उठाए हुए थे और कुछ लोगो ने तो एक दो पत्थर भी उन पर बरसा दिए। जिसकी वजह से वह थोड़ा जख्मी हो गए। तभी वहां पाकिस्तानी आर्मी के कुछ सैनिक पहुंच गए और उन्होंने कमांडर अभिनंदन को हिरासत में ले लिया। उन्होंने उनके मुंह पर कपड़ा ढका और उन्हें अपने साथ इस्लामाबाद के पाक आर्मी ऑफिस में ले गए। वहां उनसे काफी पूछताछ की गई।
सैनिक - आपका नाम ?
कमांडर - विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान।
सैनिक - आप कौनसा फाइटर प्लेन उड़ाते है ?
कमांडर - सॉरी सर, ये मै आपको नहीं बता सकता।
सैनिक - आप भारत में कहा के रहने वाले है ?
कमांडर - क्या ये मुझे आपको बताना चाहिए ?
सैनिक - आप शादीशुदा है ?
कमांडर - हां सर।
सैनिक - आपका मिशन क्या है ?
कमांडर - सॉरी सर, ये मै आपको नहीं बता सकता।
कमांडर अभिनंदन ने सभी सवालों के जवाब देते हुए भी कुछ नहीं बताया। यह उनकी वतन के लिए वफादारी ही थी कि खुद की जान की परवाह किए बिना उन्होंने पाक सेना को किसी भी तरह की कोई इंफॉर्मेशन नहीं दी। वरना सच तो उन्हें भी पता था कि पाक सेना को उनके सवालों का जवाब ना मिलने पर उन्हें काफी टॉर्चर भी किया जा सकता है। लेकिन फिर भी वो डटे रहे और हिम्मत नहीं हारी।
देश के प्रधानमंत्री जी को जब इस बात का ज्ञान हुआ कि हमारे देश का एक जाबाज योद्धा पाकिस्तान की गिरफ्त में है। उन्होंने जनता से वादा किया कि वह अपने इस सिपाही को सही सलामत वतन वापस जरूर लाएंगे। इसका सिर्फ एक ही तरीका था उन्होंने पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया या तो वह हमारे जवान को 24 घंटो के भीतर सही सलामत भारत पहुंचाए या फिर युद्ध के लिए तैयार रहे।
पाकिस्तान की ओर से उड़ाए गए F-16 जो कि अमेरिका द्वारा बनाया गया था, वह पाक को इसी शर्त पर दिया गया था कि वह इसे केवल आतंकवादियों के खिलाफ ही इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन पाक ने उस नियम को तोड़कर F-16 से भारत पर हमला किया। जिसका पता भारत को लग चुका था क्योंकि F-16 का मलबा भारत की सीमा में ही गिरा। जांच करने के बाद यह साबित हो गया कि जो विमान क्रैश हुआ है वह F-16 ही है।
लेकिन पाकिस्तान लगातार इस बात से इंकार करता रहा कि उसने F-16 का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि वह इस बात से डर चुका था कि अमेरिका उसके खिलाफ एक्शन ले सकता है। पाकिस्तान को अपनी गरदन पर तलवार लटकती नजर आने लगी। उसके लिए एक तरफ कुआ और दूसरी तरफ खाई जैसे हालात थे। एक तरफ अमेरिका जिसके साथ पाक ने धोखा किया और दूसरी तरफ भारत जिसके सैनिक को पाक ने बन्दी बनाया।
अगले ही दिन 28 फ़रवरी,2019 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संसद में यह घोषणा की कि वह कमांडर अभिनंदन को कल (01/03/2019) रिहा कर देंगे as a gesture of peace, क्योंकि हम केवल अमन चाहते है। पाक के मुंह से शांति की बाते सुनकर उसकी बहुत जगहंसाई हुई। लेकिन भारत इस बात से खुशी से झूम उठा कि उनका नौजवान वतन वापस लौट आएगा।
कमांडर अभिनंदन को 01 मार्च को दोपहर तक रिहा करने का निर्णय लिया गया। उन्हें अपने वतन वापस लाने देशभर से लोग भारत - पाक बॉर्डर पर पहुंच गए। अटारी बार्डर पर लोगो का बड़ा तांता लगा था। सभी वहा खुशी से नाच रहे थे, कोई ढोल बजाता तो कोई देशभक्ति गीत गाता। देश में एक अलग ही खुशी का माहौल था और इंतजार था तो केवल कमांडर की वापसी का। दोपहर से शाम और शाम से रात हो गई लेकिन कमांडर को अभी तक रिहा नहीं किया गया। यह देख देश के लोगो का गुस्सा बढ़ने लगा। जनता, नेता और सेना सभी के मन में संदेह पनपने लगा कि कहीं पाकिस्तान ने कोई छल तो नहीं किया, क्योंकि 24 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका था लेकिन कमांडर को अभी तक बॉर्डर पर नहीं लाया गया।
रात के तकरीबन 09.30 बजे कमांडर अभिनंदन को इस्लामाबाद से वाघा बॉर्डर लाया गया। पाकिस्तानी फोर्स से घिरे कमांडर बड़ी शान से चेहरे पर मुस्कान लिए अपने देश की ओर बढ़ चले। भारत की सीमा पर कदम रखते ही भारतीय सेना ने उन्हें घेर लिया और उन्हें अपने साथ ले गए। पूरे देश में जश्न का माहौल बना हुआ था। हर तरफ भारत माता और भारतीय सेना की जय जयकार होने लगी।
अगस्त 2019 को उन्हें वीर चक्र से सम्मानित भी किया गया। भारत में यह पहली बार था कि कोई सैनिक इतनी जल्दी सही सलामत पाकिस्तान की गिरफ्त से आजाद होकर वतन वापस लौटा था। देशभर ने उनके जज्बे और हौसले को सलाम किया, जो बिना डरे, बिना झुके दुश्मनों के सामने अकेले निहत्थे डटे रहे।