Navya Agrawal

Drama Crime Inspirational

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Navya Agrawal

Drama Crime Inspirational

आखिर कब तक ?

आखिर कब तक ?

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राहुल तुझे अपनी जिंदगी में कुछ करना भी या नहीं..अपना परिवार बसाना है या नहीं...तंग आ चुके है तुझसे पता नहीं कब समझेगा तू...! वीना रसोयीघर में बैठे बैठे अपने भाई राहुल पर चिल्ला रही थी।

अरे बहन..क्यों चिंता करती है तू..! हो जाएगी शादी जब होनी होगी...राहुल कमरे में बैठे हुए ही बोलता रहा..!

वीना उठकर कमरे में आती है और देखती है राहुल शराब पीने में लगा है...उसे देखकर वीना का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच जाता है...।

एक तो तुझसे संभाली नहीं गई..चली गई तुझे छोड़कर..और बात करता है शादी हो जाएगी..!कौन करेगा तुझसे शादी..सारा दिन तो पीता रहता है..वीना राहुल पर चिल्लाती रहती है और वह झुंझलाकर वहा से चली जाती है..।

वीना मन ही मन सोचती है कि अगर इसकी शादी हो जाए तो हो सकता है कि वह सुधर जाए और पीना बन्द करदे...!

कुछ दिनों बाद वीना अपने ससुराल चली जाती है।


वीना के पड़ोस में एक औरत रहती थी... वह एक विधवा थी.. जिसका नाम था रानी..! रानी के दो बच्चे थे...मोहित और शालू..! दोनो ही अभी बहुत छोटे थे। रानी के पति की एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी..वह बिल्कुल अकेली पड़ गई थी..और उस पर दो छोटे छोटे बच्चो की जिम्मेदारी भी थी..। रानी के मम्मी पापा रानी की दूसरी शादी कराने के लिए दबाव बनाते थे।..

देख बेटा..! अभी तो मोहित और शालू बहुत छोटे है..नासमझ है..! जैसे तू उन्हें रखेगी वो रह लेंगे पर जैसे जैसे वो बड़े होंगे उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाएगी..और अकेले में तू कैसे दो बच्चो की जिम्मेदारी उठा पाएगी..! आगे चलकर तुझे भी एक साथी की जरूरत तो होगी ना..- रानी की मां उसे समझा रही थी।

बहुत समझाने के बाद रानी ने शादी के लिए हा तो कह दिया..! पर अभी भी रानी को चिंता बनी हुई थी कि न जाने दूसरा व्यक्ति जिससे वह शादी करेगी वह कैसा होगा.? .उसके बच्चो को अपने बच्चो की तरह अपनाएगा या नहीं..? बच्चे उन्हें अपने पिता के रूप में स्वीकार कर पाएंगे..?

जब वीना को पता लगा कि रानी ने दोबारा शादी के लिए हा कह दिया है तो उसने सोचा क्यों न रानी की शादी राहुल के साथ करा दी जाए..राहुल का भी घर परिवार बस जाएगा और हो सकता है वह रानी से शादी करने के बाद सुधर जाए..!

ऐसा सब मन में सोचकर वीना ने रानी की मां से अपने भाई राहुल के लिए रानी का हाथ मांगा..। वीना ने उनसे राहुल के बारे में सब अच्छा ही बताया जबकि सच तो ये था कि राहुल तो एक शराबी की तरह सारा दिन नशे में धुत रहता था..। वीना उनके पड़ोस में ही रहती थी और दोनो परिवारों के बीच अच्छे संबंध थे। इसलिए उन्होंने बिना लड़के की जांच पड़ताल किए ही शादी के लिए हा कह दिया। उन्होंने वीना की बातो पर भरोसा किया और वीना उनसे सच छिपा रही थी..।

वीना के माता पिता तो कम उम्र में ही उन्हें छोड़कर चले गए थे..!इसलिए वीना ने ही अपने भाई की जिम्मेदारी ली थी..। वीना राहुल की बड़ी बहन थी जो उसकी मां की तरह थी..! राहुल की शादी का जिम्मा भी वीना ने अपने कंधो पर ले लिया था..! वीना ने राहुल और रानी की शादी के बारे में अपने परिवार के किसी भी सदस्य से सलाह नहीं की थी..न उसने अपने चाचा चाची को बताया और न ही बुआ - फूफाजी को बताया..।

वीना ने सबसे छिपाकर राहुल और रानी की शादी करादी..! शादी के बाद ही उसने सबको शादी के बारे में बताया..जैसे ही सबको इस बारे में पता लगा सभी बहुत अच्मभित थे..एक तरफ सभी को शादी की खुशी भी थी और दूसरी ही तरफ रानी के लिए चिंतित भी थे कि न जाने राहुल रानी को अच्छे से रखेगा भी या नहीं...!

रानी के नए घर में एक बहु की तरह उसका स्वागत भी वीना ने ही किया..राहुल और रानी अब संग रहने लगे..। शुरुआती दिनों में तो राहुल अच्छे से रहता था और रानी को भी अच्छे से रखता था..! बच्चो ने भी राहुल को अपने पापा की तरह स्वीकार कर लिया था..। राहुल में भी कुछ बदलाव आने शुरू हुए..! उसने नौकरी करने की सोची और बहुत ढूंढने के बाद उसे एक नौकरी भी मिल गई..।

राहुल ने अब शराब पीना कम कर दिया था और वह काम पर जाने लगा..! नौकरी की जो भी तनख्वाह मिलती राहुल उसमे से थोड़े पैसे तो रानी को घर खर्च के लिए दे देता था और कुछ पैसे अपने पास रखता था जिससे वह रोज रात को शराब पीता था..। रानी को जब राहुल की इन सब हरकतों के बारे में पता लगा तो रानी उसे रोकने लगी..।

क्यों इतना पीते है आप..? बच्चो पर इसका बुरा असर पड़ता है..? रानी राहुल को समझा रही थी..मत पिया कीजिए प्लीज़..!

राहुल रानी की बाते सुनकर भी अनसुना कर रहा था..! दिन में कहा पीता हूं..रात को ही तो पीता हू..अब तुझे उसमे भी दिक्कत है..!

तो क्यों पीते है आप..? जानते है ना बॉडी के लिए कितनी नुकसानदायक होती है शराब..फिर भी..आप........आप सुन भी रहे है..? मै कुछ बात कर रही हूं आपसे..!

हा हा सब सुन रहा हूं..अच्छा चल धीरे धीरे कम कर दूंगा..promise..! राहुल रानी को मना लेता है और रानी भी उसकी बातो पर भरोसा कर लेती है..।

राहुल अब रानी से छिपकर शराब पीने लगा था और रानी को लगा कि शायद वह सुधर रहा है..। राहुल की तनख्वाह बहुत कम थी..उसमे घर खर्च चलाना बहुत मुश्किल होता था..। बच्चो की पढ़ाई का भी बहुत खर्चा था..! रानी ने सोचा क्यों न वह भी नौकरी करने लग जाए जिससे घर में कुछ पैसे आएंगे..! रानी ने एक साड़ी सेंटर में नौकरी करना शुरू कर दिया..।

राहुल ने जब देखा कि रानी भी नौकरी करके पैसे कमाने लगी है तो उसने अपनी तनख्वाह रानी को देनी बन्द करदी..। रानी ने जब घर खर्च के लिए राहुल से पैसे मांगे तो राहुल ने तनख्वाह न मिलने का बहाना बना कर बात टाल दी..। रानी नहीं जानती थी राहुल के दिमाग में क्या चल रहा है..। एक महीने की पूरी सैलरी राहुल ने शराब पीने में उड़ा दी..पर रानी इन सबसे अनजान थी..।

एक महीना तो रानी ने कैसे भी करके अपनी सैलरी से निकाल लिया..पर अगले महीने बच्चो की स्कूल की फीस भी जमा करनी थी..। जिसके लिए रानी के पास इतने पैसे नहीं थे..।

सुनिए..बच्चो के स्कूल की फीस जमा करानी है..आपकी सैलरी कब तक मिलेगी आपको..पिछले महीने भी नहीं मिली थी..और इस महीने भी आधा महीना तो निकल गया..कब आपकी सैलरी आएगी..। रानी सवाल पर सवाल किए जा रही थी।

जब मिलेगी तब दे दूंगा ना..राहुल थोड़ा चिल्लाकर बोला।

रानी को कुछ अजीब लगा क्योंकि राहुल ने कभी उससे ऐसे बात नहीं की थी..। रानी ने राहुल से पूछा..क्या हुआ..कोई परेशानी है क्या..? आप इतने परेशान क्यों है..?

कुछ भी तो नहीं हुआ..सब ठीक है..!

( राहुल ने रानी का हाथ झटक दिया )

राहुल उठकर नौकरी पर चला गया और रानी भी अपने घर के काम में व्यस्त हो गई..।

राहुल ने आगे के दो महीने भी इसी झूठ के साथ निकाल दिए की सैलरी नहीं मिली है..।

स्कूल में फीस जमा न होने की वजह से मोहित और शालू को स्कूल से निकाल दिया गया..। रानी की चिंता अब बढ़ने लगी थी कि अगर ऐसे ही सब चलता रहेगा तो बच्चे कैसे स्कूल जाएंगे और कैसे पढ़ाई करेंगे..?

रानी ने कुछ पैसे उधार लेकर बच्चो के स्कूल की फीस जमा करा दी जिससे बच्चे स्कूल तो जा सके। पर दिनोदिन राहुल के बदलते व्यवहार से रानी परेशान होने लगी थी..।

राहुल अपने ऑफिस में शराब पीकर जाता था इसलिए उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया..कुछ दिन जब राहुल काम के लिए घर से बाहर नहीं गया तब रानी ने पूछा..आप ऑफिस क्यों नहीं जाते..?

मेरी तबियत ठीक नहीं है..बहुत कमजोरी हो रही है कुछ दिनों से इसलिए ऑफिस से छुट्टी ली हुई है..! राहुल रानी से सच छिपाने की कोशिश कर रहा था..।

क्या हुआ आपकी तबियत को..? आप तो एकदम ठीक है..! फिर आपने ऑफिस में झूठ क्यों बोला कि तबियत ठीक नहीं है..? सच सच बताईए राहुल क्या चल रहा है..? आप मुझसे कुछ छिपा रहे है ना..? हर सवाल के साथ रानी की आवाज ऊंची होती जा रही थी..।

रानी का तेज आवाज में बोलना राहुल को बर्दाश्त नहीं हुआ और वह रानी पर चिल्लाने लगा..समझती क्या है तू अपने आप को..? तेरा गुलाम नहीं हूं जो तेरे हर सवाल का जवाब दू..! राहुल ने अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट निकाला और सिगरेट पीना शुरू कर दिया..। वह रानी के मुंह पर ही धुआ के छल्ले बनाकर उड़ाने लगा..।

रानी ये सब देखकर हैरान रह गई और जोर जोर से रोने लगी..। राहुल ने रानी का मुंह भिचते हुए कहा..नहीं करता मै कोई नौकरी..! मेरे बस्का का काम नहीं है ये सब..! निकाल दिया मुझे नौकरी से..। राहुल रानी को झटकते हुए वहा से चला गया।

रानी वहीं बैठी फुट फुट कर रोने लगी..उसने जो सपने में भी नहीं सोचा था राहुल ने वो किया..। रानी खुद ही जोर जोर से चिल्ला कर बोल रही थी कि राहुल ऐसा केसे कर सकते है..कब से वो ऐसे बन गए..? रानी ने वीना को कॉल किया और उन्हें खरी खोटी सुना ने लगी कि दीदी आपने मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया..! आपने अपने भाई के बारे में जो बताया सब झूठ था..। रानी ने रोते रोते फोन काट दिया।

राहुल की बुरी आदतें दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी..। पहले तो वो बस रात को ही शराब पीता था अब उसने दिन में भी पीना शुरू कर दिया..। खुद तो कुछ कमाता नहीं था और रानी जो कमा कर लाती उसके पैसे भी छीन लेता और शराब पीने में खर्च कर देता..। हालात इतने बुरे हो गए थे कि खाने को भी पैसे नहीं बचते थे।

राहुल ने शराब पीकर मारपीट करना भी शुरू कर दिया। वो बेवजह बच्चो को मारता था..। मोहित को कभी शराब लाने को कहता तो कभी सिगरेट मंगाता..। जब मोहित मना करता तो वह मोहित को बहुत मारता था..।

एक दिन राहुल ने सारी हदें पार कर दी थी..। राहुल ने दिन में ही इतनी शराब पी ली की उसे कुछ होश नहीं था..। उस दिन राहुल ने अपनी बेटी शालू पर हाथ उठाया..उसे बहुत मारा - पीटा..। राहुल उस दिन किसी जानवर से कम नहीं था..। उसने शालू को बेड पर पटका और बेड पर चारो तरफ आग लगा दी..।

रानी ने राहुल को रोकने की कोशिश की तो उसे धक्का देकर जमीन पर पटक दिया। राहुल प्लीज़ शालू को छोड़ दीजिए..! बच्ची है छोटी वो..मर जाएगी राहुल..! बेटी है आपकी.. प्लीज़ राहुल..! रानी लगातार उससे अपनी बेटी की जिंदगी की भीख मांगती रही..।

जब मोहित अपनी बहन को बचाने की कोशश करने लगा तो राहुल ने मोहित को मारा..। राहुल जोर जोर से बस यही चिल्लाए जा रहा था कि बीच में मत आना कोई आज..मार दूंगा सबको..आज ये नहीं बचे मेरे हाथो से..जलाकर मार दूंगा आज मै इसको..।

शालू ने जब चारो तरफ आग देखी तो डर के मारे बेहोश होकर वहीं बिस्तर पर गिर गई..। आग की लपट शालू तक पहुंचने लगी थी..। अब मोहित के सब्र का बांध टूट गया और वो उस पल अपनी बहन को बचाने के लिए यह भूल गया कि सामने खड़ा इंसान उसके पापा है..। उसने गुस्से में राहुल पर हाथ उठाया और जोर से उन्हें धक्का देकर कमरे से बाहर फेंक दिया..। उसने जैसे तैसे करके जल्दी से आग बुझाई और शालू को बाहर निकाला..। मोहित जल्दी से शालू को हॉस्पिटल लेकर भगा..। बहुत समय के बाद शालू ने अपनी आंखे खोली..। शालू बहुत सहम गई थी..बहुत डरी हुई थी और बार बार बस यही बोले जा रही थी कि मम्मी पापा के पास नहीं जाना..पापा मार डालेंगे मुझे..मुझे नहीं जाना वहा..।

शालू को डरा हुआ देखकर रानी उसे राहुल के घर ले जाने के बजाए अपनी मां के घर ले आयी..। कुछ दिन वहा रहने के बाद एक दिन अचानक मोहित को खून की उल्टियां होने लगी..। रानी बहुत डर गई और तुरन्त उसे हॉस्पिटल लेकर भागी..। डॉक्टर्स ने वहा उसका पूरा चेकअप किया और उल्टी आने का कारण पता करने की कोशिश की पर उन्हें कुछ समझ नहीं आया..। हॉस्पिटल का सारा खर्चा रानी के भाई ने उठाया क्योंकि रानी के पास तो इतने पैसे भी नहीं थे..जो कुछ कमाती थी वो घर खर्च में या राहुल के शराब पीने में खर्च हो जाते थे..। रानी मोहित और शालू को वापस राहुल के घर ले आयी..आखिर कब तक वह अपने मायके में रहती।

राहुल जिस घर में रहता था वो उनका पुश्तैनी घर था...। जिसकी छत गिर गई थी और रानी के लिए वहा रहना अब मुमकिन नहीं था..। रानी ने किराए के घर में रहने का फैसला किया। बहुत ढूंढने के बाद आखिरकार एक घर मिला..। मोहित ने राहुल से कहा..पापा आप हमारे साथ चलेंगे या नहीं..! अगर चलना है तो आपको शराब छोड़नी होगी..! किराए के घर में कोई भी नहीं पीने देता..! हमे वहा से लात मारकर बाहर निकाल देंगे..।

राहुल को ये सब सुनकर गुस्सा आ गया और चिल्लाते हुए कहने लगा..मेरे घर में भी तुम अपनी चलाते हो..! अपने मन का करते हो..! किराए के तुम्हारे घर में भी मै तुम्हारी मर्जी से रहूं..! मुझे नहीं रहना तुम लोगो के साथ..! चले जाओ तुम सब मेरे घर से..! मुझे तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है..।

रानी राहुल को समझाते हुए बोली कि आप अकेले कैसे रहेंगे..! पीना छोड़ दीजिए ना..। राहुल उस पर भी चिल्ला के पड़ा कि जाओ तुम सब..मै अपना इंतजाम खुद कर लूंगा..! तुम्हारी खैरात नहीं चाहिए मुझे..। रानी के समझाने पर भी जब राहुल नहीं माना तो क्या करती..उसने भी वही रुकने का फैसला कर लिया और वहीं राहुल के साथ ही रहने लगे इस उम्मीद में कि शायद राहुल सुधर जाएगा।

पर इस बार भी कुछ नहीं बदला था। राहुल तो दिन भर नशे मै धुत पड़ा रहता था और बच्चो को मारता वो अलग। ये सब रानी के बरदाश्त के बाहर होता जा रहा था..। एक दिन फिर से मोहित को खून की उल्टी होना शुरू हो गई..। डॉक्टर्स का कहना था कि सर्जरी करनी होगी पर रानी के पास इतने पैसे नहीं थे। उस वक्त राहुल वहा होते हुए भी न तो अपने बेटे को मिलने हॉस्पिटल गया और न ही रानी की कोई मदद की। पैसे न होने की वजह से रानी उस समय उसका थोड़ा इलाज कराकर घर वापस ले आयी..। रानी को इन सबसे बहुत आहत हुआ कि राहुल अपने बेटे को देखने तक नहीं आया हॉस्पिटल कि वह जिंदा भी है या नहीं..! राहुल को कोई फिक्र नहीं थी किसी की भी..। डॉक्टर्स ने भी राहुल को सीढ़ियां चढ़ने से मना किया था और जिस घर में वह रहते थे वहां उन्हें सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता था।

अपने बेटे के लिए रानी को ये फैसला लेना ही पड़ा की वो इस घर में नहीं रहेगी और किराए के घर में जाकर रहेगी..। राहुल को उनके साथ रहना है तो रहे नहीं रहना तो नहीं रहे..पर रानी ने सोच लिया था कि वो उस घर में नहीं रहेगी..।

रानी अपने दोनों बच्चो को लेकर किराए के मकान में रहने लगी। वह खाना बनाकर राहुल को पुराने घर में देकर आती थी। पर जब रानी या कभी बच्चे उसे खाना देने जाते तो राहुल उनके साथ अच्छा बर्ताव भी नहीं करता था। बच्चो को गालियां देता और कभी कभी हाथ भी उठाता..। रानी ने इन सबसे तंग आकर उसे खाना देना भी बन्द कर दिया..।

सब लोग रानी को ही गलत कहने लगे कि उसे अपना घर छोड़कर नहीं जाना चाहिए था..! रानी को राहुल को नहीं छोड़ना था..! रानी ने अच्छा नहीं किया ये..! सभी लोग तरह तरह की बाते बनाने लगे पर कोई भी रानी कि हालत नहीं समझ रहा था।

अब रानी को मोहित का भी इलाज कराना था..। रानी ने न जाने किन किन लोगो से पैसे उधार लेकर कैसे भी करके अपने बेटे की सर्जरी कराई..। मोहित का इलाज होने के बाद वो एकदम ठीक हो गया था..पर उनकी जिंदगी में अब राहुल के लिए कोई जगह नहीं थी..। उन्होंने कभी पलटकर राहुल की तरफ नहीं देखा और तीनों एक साथ खुश रहने लगे..। हालांकि मोहित को यह बात बहुत महसूस होती थी कि उनके पापा अगर सही होते..उनके साथ होते तो आज उन्हें ये सब नहीं देखना पड़ता..। पर मोहित बहुत समझदार था और उसने अपनी मम्मी और बहन की पूरी जिम्मेदारी उठाई..। अब वहीं तीनों एक दूसरे की दुनिया थे और तीनों बहुत खुशी से रहते थे।

इस कहानी को लिखने का एक ही मकसद था आप सभी से यह जानना की रानी का राहुल को छोड़ने का फैसला सही था या नहीं..?

झूठ बोलकर रानी की शादी राहुल से कराना क्या सही था..?

हम यह क्यों भूल जाते है कि जिसकी शादी कर रहे है वो भी किसी की बेटी है..। इस उम्मीद में कि शादी के बाद बेटा सुधर जाएगा उसकी शादी कर देते है..क्यों ? जिस बेटे को आप स्वयं नहीं सुधार पाए वो शादी के बाद सुधर जाएगा इस आस में एक अनजान लड़की कि जिंदगी क्यों बर्बाद कर देते है..?

सबने रानी को कोसा कि उसे राहुल को नहीं छोड़ना चाहिए था.. क्यों ?

रानी अगर राहुल के साथ रहती तो एक दिन वो उसके बच्चो को मार ही डालता..। जो इंसान एक बार शालू को जलाने की कोशिश कर सकता है वो दोबारा भी कुछ भी कर सकता है..। किसी ने ये नहीं सोचा कि उस छोटी सी मासूम बच्ची पर क्या गुजरी होगी जब उसके पापा ही उसे मारने की कोशिश करते है..। रानी नौकरी पर चली जाती थी और बेटा स्कूल और ट्यूशन के लिए जाता..लड़का है तो दोस्तो के साथ बाहर घूमने चला जाता था..घर पर शालू अकेली होती थी..सबने उंगली तो उठाई रानी पर किसी ने एक बार भी ये नहीं सोचा कि राहुल सबकी गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर अगर शालू को कुछ कर देता तो कौन जिम्मेदार होता इन सबके लिए..? क्यों हमारा समाज लड़की को ही हमेशा झुकने के लिए कहता है ? रानी वहा रहकर क्या अपने बच्चो को मरने के लिए छोड़ देती ?

क्यों बेटियो को बचपन से ये सिखाते है कि पति ही सब कुछ होता है..चाहे वो गलत हो या सही ?

समाज की इसी सोच की वजह से न जाने कितनी लड़कियां घरेलू हिंसा का शिकार बनती है। बेटी को तो सब सिखा देते है कि पति ही सब कुछ होता है पर अफसोस की बेटों को यह सिखाना भूल जाते है कि उन्हें अपनी पत्नी को मान सम्मान देना चाहिए। अपनी बेटी के लिए सभी उम्मीद करते है कि उसका पति उसे रानी बनाकर रखे पर जब बात दूसरे की बेटी की आती है तो सबकी सोच क्यों बदल जाती है..? हमारी बेटी को अगर उसका पति कभी ऊंची आवाज में बोलता भी है तो हम उसके साथ लड़ने खड़े हो जाते है और जब बात रानी जैसी लड़की थी तो सब कहते है लड़की को सहन तो करना ही पड़ता है थोड़ा बहुत.. क्यों ? आखिर कब तक और कितना सहन करे एक लड़की..?

जरूरत है तो हमे खुद की सोच बदलने की वरना ऐसे ही बेटियो की जिंदगी तबाह होती रहेगी। रानी का साथ किसी ने नहीं दिया जबकि उसका फैसला बिल्कुल सही था। अगर वो यह कठोर कदम नहीं उठाती तो शायद उसके बच्चे उसके पास ही नहीं होते।


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