ज़िन्दगी ज़िन्दगी
ज़िन्दगी ज़िन्दगी
मौत तो जीवन में एक बार ही
दस्तक देती है
ज़िन्दगी को यहाँ पर हर रोज़
मरना पड़ता है
कौन सच्चा कौन झूठा साबित
तो सभी करते हैं
जीवन की कठिनाई से तो
रोज़ गुज़रना पड़ता है
हम किसका भला करे यहाँ पर
विश्वास तो करना पड़ता है
चाहे दंश हो रिश्ते में रिश्ता
निभा कर चलना पड़ता है
किस पर भरोसा करें किस पर
हद से रोज़ गुज़रना पड़ता है
जीवन जीने के लिए हमेशा
कठिन हालात गुज़रना पड़ता है
ख़ुद पर ही एतबार नहीं है
ग़ैर पर फ़िर भी करना पड़ता है
इतना ही सीखा है ज़िन्दगी से हमने
रोज़ का धोखा है यहाँ पर
अंगार पर चलना पड़ता है
बेबस कितने हैं हालात की
जिनसे हम को धोखा मिलता है
साथ नहीं चाहते मगर फ़िर भी
साथ में रहना पड़ता है।