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Mohammed Khan

Romance

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Mohammed Khan

Romance

यूं ही संग तुम्हारे

यूं ही संग तुम्हारे

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यूँ ही संग तुम्हारे बैठना अच्छा लगता है 

तुम कहती रहो मुझे सुनना अच्छा लगता है !!

अपनी आँखों में तुम्हारी तस्वीर देखने लगा हूँ मैं 

मुझे अब आईना देखने अच्छा लगता है 

इन लबों की हँसी को सदा यूँ ही सजाकार रखना 

तुम्हें मुस्कुराता देख मुझे जीना अच्छा लगता है 

हर पल तलाशता हूँ तुम्हें अपने तस्ववुर के अफसाने में 

तुम यूँ ही खो जाया करो मुझे ढूँढना अच्छा लगता है !!


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