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Mohammed Khan

Drama Tragedy Others

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Mohammed Khan

Drama Tragedy Others

तुम हमेशा गुलाम ही रहोगे

तुम हमेशा गुलाम ही रहोगे

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क्या तुमने आज़ादी का ख्वाब देखा है !


अगर हाँ तो क्या तुम अपने कदमों को सच्चाई के फर्श पर रखोगे !

अगर हाँ तो क्या तुम अपनी ज़िन्दगी की बुनियाद को इंसाफ के ईंटों से मजबूत करोगे !

अगर हाँ तो क्या तुम्हारे कलम से निकले हर हर्फ

किसान, मजदूर, शोषित, मज़लूम, ओर महिलाओं के हक़ में लिखे जायेंगे !

अगर हाँ तो क्या तुमने अपने अंदर के सत्तावादी धार्मिक मर्दवाद को खत्म कर दिया है !


और अगर नहीं तो फिर तुम एक ऐसा ख्वाब देख रहे हो जो झूठा है ओर तुम हमेशा गुलाम ही रहोगे !


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