मैं मोहब्बत हूँ
मैं मोहब्बत हूँ
हज़ारों इम्तहानों से
गुज़रती रोज़ इबादत मेरी
अपने एहसासों को समेटे
एक बयार सी बहती हूँ !
कोई फूलों की महक में
बाँटता है मुझे
कहीं काँटों पर चलकर
राह-ए-उल्फत चुनती हूँ !
हाँ ! मैं मोहब्बत हूँ
दिल की सुनती हूँ
एहसानो से नहीं मैं
एहसासों मेँ पलती हूँ !