फरेब
फरेब
उनका मतलब पूरा हुआ और वो चल दिए,
हर गैर पर भरोसा ना करो ये सबक सीखा गए।
उसकी आंखों में छुपे फरेब को हम पहचान ना सके,
वो दर्द के जाम देता गया हम हस - हस कर पीते गए,
मतलबी तो था वो,
जिसे सच माना झूठ था वो।
उनका मतलब पूरा हुआ और वो चल दिए,
हर गैर पर भरोसा ना करो ये सबक सीखा गए।
हर रिश्ते से ज्यादा हमने उसपर एतबार किया था,
आज वो रिश्ता जमीन पर बिखरा पड़ा था,
दुनिया ने कहा ना एतबार करो उसपर,
मैने कहा मुझे विश्वास है उसपर।
उनका मतलब पूरा हुआ और वो चल दिए,
हर गैर पर भरोसा ना करो ये सबक सीखा गए।
उसको रिश्ते की कदर ही ना थी,
मेरे जज़्बातों और मेरी उसकी जिंदगी में कोई एहमियत ना थी,
हमारे रिश्ते को उसने बार बार तोड़ा और मैने बार बार जोड़ा है,
वो बस अब मेरी जिंदगी की एक भूल है और
किस्मत में मिला एक धोखा है।
उनका मतलब पूरा हुआ और वो चल दिए,
हर गैर पर भरोसा ना करो ये सबक सीखा गए।
अब उसकी यादें और वो एक कालिख सी लगता है,
उसका दिया हर ज़ख्म एक सबक सा लगता है,
शायद हद से ज्यादा ही उसे चाहा था,
तभी ये अंजाम हमें मिला था।