कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते
सच कुछ रिश्तों के कोई नाम नहीं होते
जुड़े होते हैं वो रूह से
न वो दोस्ती है और न आश़िकी
हैं बस गुमनाम से
सच है कुछ रिश्तों के कोई नाम नहीं होते
ख़ामोशी में छुपी हुई
जो हर बात समझ जाते हैं
सच है कुछ रिश्तों के कोई नाम नहीं होते
न कोई कसमें वादे साथ निभाने के
पर साथ हमेशा निभाते
सच है कुछ रिश्तों के कोई नाम नहीं होते
न रूठते है न मनाते
बस खा़मोशी से हर बात मान जाते
सच है कुछ रिश्तों के कोई नाम नहीं होते।