तुम ही मेरा प्यार हो...
तुम ही मेरा प्यार हो...
जब से जाना इस दुनिया को एक तेरा आधार मिला
संगीत की बिखरी सुर लहरियों को
जैसे जीवन रूपी सितार मिला
तुझ बिन ना ये अरुणोदय हो और न शशि उदित होते
सृष्टि के कण-कण में व्याप्त तुम हे प्रभु! तुम जीवन का सार हो
संसार भले भटके ढूंढते रहे कहीं किसी में
लेकिन हे सांवरे! बंसी वाले!!! मेरे लिए तुम ही मेरा प्यार हो..
गोपियों संग रास रचाते, यशोदा मां के मन को भाते
असुरों का संहार तुम करते कभी ग्वाल-बाल संग गौ चराते
यमुना का वो पनघट आज भी तुम्हारे गीत है गाता
वृंदावन का कोना कोना रस में तुम्हारे सदैव डूबता
आज भी पेड़ों और पत्तों को देख लगता तुम याद हो
इसलिए हे सांवरे! हे बंसी वाले!!! मेरे लिए तुम ही मेरा प्यार हो..
हर जगह दिखता तेरा स्वरूप है ये अखिल विश्व तो तेरा ही रूप है
बन्धु तुम हो सखा भी तुम हो मेरे जीवन का आकार भी तुम हो
तुम से दूर होकर व्यर्थ है जीवन, हां फिर तो नरक है जीवन
तुमसे ही पुष्पों में सुगंध है और इंद्रधनुष के रंग है
बताओ तुमसे दूर रहकर जीवन का कैसे निर्वाह हो
तुमसे है जीवन तुम ही हो जीवन मेरा मान सम्मान हो
इसीलिए हे सांवरे! हे बंसी वाले!!!मेरे लिए तुम ही मेरा प्यार हो..