ये तेरा कैसा जाना
ये तेरा कैसा जाना
जुबां ने तुमसे विदा तो कहा
पर ये दिल.. ये नज़रें..
कहां कर पाईं तुम्हें विदा..!
जब से तुम गए हो..
दिल में कहीं और भी
गहरे उतर गए हो..!
और ये नज़रें..
इन्हें गवारा ही नहीं
दहलीज से उठना..!
खुद को मुझमें छोड़ कर
तेरा जाना भी
कैसा है जानां.....?