STORYMIRROR

Suchismita Sahoo

Drama Romance

4  

Suchismita Sahoo

Drama Romance

ये कैसा रिश्ता है

ये कैसा रिश्ता है

1 min
272


ये कैसा रिश्ता है

जहां, खुलके बोलने के बाद भी

वो तुम्हें समझ नहिं पाए 

तुम्हारे मनको 

पढ़ नहीं पाए 


महसूस ना कर सके 

तुम्हारे बेचैन दिल की 

तन्हाई को 

ये कैसा रिश्ता है 

जहां अपने लिए 

थोड़ा सा वक़्त 

मागने के बाद भी

नहीं मिलते 


सब कुछ बोल कर भी 

अनकही रहती है 

आज दिल धड़कनों से 

एक ही सवाल 

कर रहा है 

ये कैसा रिश्ता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama