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Suchismita Sahoo

Abstract

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Suchismita Sahoo

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मेरे प्यारे दोस्त

मेरे प्यारे दोस्त

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मेरी प्यारे दोस्त, 

तुम कहाँ हो?

बहुत दिन हो गेए

मुझसे मिले नही

मेरे पास बैठ के 

मुझसे मीठी मीठी 

बाते किये नही

मेरे साथ प्यारा सा 

झगड़ा किये नही

मेरे प्यारे दोस्त

तुम्हे याद है

हम पहले कब मिले थे

हम कैसे दोस्त बने

क्यों हम दोस्त बने

में तो कहूंगी

ए हमारे दोस्ती नही

एक प्यारा सा एहसास है

जीवन का एक सुन्दर सा पल

जिसके लिये मैं हमेशा

कान्हा जी के पास आभारी रहूँगी।



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