उम्मीद
उम्मीद
मैं
उम्मीद पे विश्वास करती हूँ
उम्मीद पे जीती हूँ
हारने के बाद भी नाउम्मीद हो
उठके फिर से लड़ती हूँ
आज बहुत दिनों के बाद
पता नहीं क्यूँ
ऐसा लग रहा
मैं बुरी तरह से
हार गयी हूँ
उठके लडने की और
ना शक्ति है, ना क्षमता है मुझमें
ना कोई इच्छा
जीतने की भी कोई
उम्मीद नहीं है मुझमें
खैर!
ए सब कान्हा जी की
इच्छा मानकर
बस आगे बढ़ने का
एक छोटे से प्रयास
में लगना है अब।