वर्ष २०२० की यादें
वर्ष २०२० की यादें
वर्ष 2020 जब तू आया था
समां बहुत सुंदर बांध लाया था।
खुशी फ़ैल गई थी चहूँ ओर
जब हुई थी नववर्ष की भोर!
फिर न जाने किसकी नज़र लगी
तू लेकर आई भयंकर महामारी,
लीलने लगी प्राण हजारों।
फिर आया इक ऐसा दौर
तनहाई के सिवा बचा न चारा और
सब घरों में अपने क़ैद हुए!
मिलते ही तो न कोई किसी को छुए।
हजारों लोग हुए बेरोजगार,
फिर भी जारी रहा तेरा प्रहार!
अब तू समेट ले अपनी पोटली,
सारी बुराई को ले जा दूर कहीं,
अब और पीड़ा जग वाले सह सकते नहीं।
हम तैयार हैं कहने को तुझे अलविदा,
तू मत रख मन में कोई शिकवा गिला।
जाते हुए सारे दुख दर्द देती जा,
खुशी की दुआ सबके लिए करती जा!!
