वृक्षारोपण
वृक्षारोपण
प्राण- सांस वसुंधरा की वृक्ष हैं
सिंगार धरा का नित्य ही करते
हरियाली की साड़ी पहनाते
फूलों के गहनों से सजाते
धरती को दुल्हन ये बनाते
आओ पर्यावरण बचाएं, सब मिल पेड़ लगाएं, आओ सब मिल पेड़ लगाएं।
विकास देश का करने खातिर
अंधाधुंध पेड़ काटे हमने
जमीन खोखली कर दी हमने
शुद्ध हवा से वंचित हो गए
ऑक्सीजन के लाले पड़ गए
आओ पर्यावरण बचाएं, सब मिल पेड़ लगाएं ,आओ सब मिल पेड़ लगाएं।
खटिया, पाटे, खिड़की- दरवाजे
झूला, डोली सब कुछ बनता
पेड़ काटते , कागज पेपर बनता
अंत समय लकड़ी से जलता
कोई काम पेड़ बिना न होता
आओ पर्यावरण बचाएं, सब मिल पेड़ लगाएं, आओ सब मिल पेड़ लगाएं।
खेतों को वीरान कर दिया
कालोनियां बसा ली हमने
खोले अनेक कारखाने हमने
सर्वनाश पेड़ों का कर डाला
नए वृक्ष न लगाएं हमने
वर्षा को बाधित कर दिया
आओ पर्यावरण बचाएं, सब मिल पेड़ लगाएं, आओ, सब मिल पेड़ लगाएं।
संरक्षण का प्रण हम ले ले
शुभ अवसर पर पेड़ लगाएं
पीढ़ी कल की पुष्पित होगी
स्वच्छ, सुरभीत हवाएं होंगी।
कमी ऑक्सीजन की कभी न होगी
आओ पर्यावरण बचाएं ,सब मिलकर लगाएं ,आओ सब मिल पेड़ लगाएं।