दर्द की इंतेहा पार हुई जब सुलगने लगी मन की लकड़ी! दर्द की इंतेहा पार हुई जब सुलगने लगी मन की लकड़ी!
सब मिलकर पृथ्वी को हरा बनाना, अरे अब ऑक्सीजन की कमी आई तब पेड़ को जाना सब मिलकर पृथ्वी को हरा बनाना, अरे अब ऑक्सीजन की कमी आई तब पेड़ को जाना
ठंड से मारा चुल्हा उदास! ठंड से मारा चुल्हा उदास!
खिड़की की आंखों में जबसे, उड़ती धूल पड़ी । सम्मुख के दृश्यों की तबसे, हालत है बिगड़ी ।। खिड़की की आंखों में जबसे, उड़ती धूल पड़ी । सम्मुख के दृश्यों की तबसे, हालत है बि...
जब कलम पकड़ती हूँ, तो लकड़ी छूट जाती है! जब कलम पकड़ती हूँ, तो लकड़ी छूट जाती है!
पेड़ काटने के लिए कुल्हाड़ी में डंडा भी लकड़ी का ही लगाना पड़ता है... पेड़ काटने के लिए कुल्हाड़ी में डंडा भी लकड़ी का ही लगाना पड़ता है...