Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Chandrakala Bhartiya

Inspirational

4  

Chandrakala Bhartiya

Inspirational

" ईर्ष्या "

" ईर्ष्या "

1 min
219


ईर्ष्या, जलन बनती प्रगति में बाधक

चार दिन की जिंदगानी मिली सौगात में 

बिताओ हंसी-खुशी अपनेपन से  

अपनाओ सभी मानवीय मूल्यों को

क्यों स्थान देते हो ईर्ष्या भाव को? 


ईश्वर ने रचा मानव को

दी खूबियाँ हर एक को

तराश लेता कोई गुणों को

हो जाता माहिर

कोई खो देता आलस, नींद में

पीछे पछताता, मन मसोसकर रह जाता


" मेरी साड़ी से उसकी साड़ी सफेद क्यों? "

यह ईर्ष्या भाव प्रगति को कुंठित कर देता


सबको मिलता अपनी काबिलीयत से

बेवजह ईर्ष्या भाव न पनपाओ मन में

शुद्ध पवित्र मन रखो सदा

अपनापन, स्नेह, प्यार, दुलार बांटो और पाओ


बैर भाव आपस का मिटाओ

ईर्ष्या रूपी जहर तन- मन लगाता

अग्नि यह भड़कती जब, 

खुद भी जले औरों को जलाएं

न फंसो ईर्ष्या के दलदल में

बीज विनाश के यहीं पनपते


प्रेम से दुश्मन को भी गले लगाओ

हंसो- हंसाओ, खुशियां बांटो

जीवन का सच्चा आनंद उठाओ



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational