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Chandrakala Bhartiya

Romance

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Chandrakala Bhartiya

Romance

"मैं भूला नहीं"

"मैं भूला नहीं"

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मैं भूला नहीं, सजनी तुमको। 

न ही भूल पाऊंगा, कभी। 

रची बसी तुम, मेरी रग-रग में हो। 

समाई रहती सदा हृदय में।

कैसे दूर तुमसे हो सकता हूँ? 

मैं भूला नहीं, सजनी तुमको।। 


कितने सुहाने दिन, हमने साथ बिताए। 

उड़ता रहा समय, पंख लगा कर। 

घंटों बीत जाते, पर चाह बनी रहती। 

न तुम जाना चाहती न मैं। 

बातें खत्म होने का नाम न लेती। 

मैं भूला नहीं सजनी तुमको।। 


तुम्हारी एक- एक बात याद है मुझको। 

चाहूँ भूलना ,पर क्या भूल सकता हूँ? 

भूलने की असफल कोशिश करता हर बार। 

पर काबू में नहीं रहता ,कुछ भी मेरे। 

जी जान से बस चाहूँ तुमको। 

मैं भूला नहीं सजनी तुमको। । 



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