वो बैरी चांद
वो बैरी चांद


ताकती निगाहें उस चांद को एकटक
उस चांद में तेरा अक्स नज़र आता है
चुप चाप एक टक निहारती हूं उसको
मानो वो तुम्हारा कोई संदेश लाया है
छिप के बादलों में कभी कभी दीदार करता है
ये बिल्कुल तुम्हारी ही तरह मुझे जलता है
उस चांद में तेरा अक्स नजर आता है