वजीर और ज़मीर !
वजीर और ज़मीर !
शतरंज में वज़ीर और इंसानों की जिंदगी में
ज़मीर मर भी जाए तो भी आजकल,
ना शतरंज का खेल खत्म होता है
ना ही इंसानों की जिंदगी खत्म होती है
क्योंकि वज़ीर युद्ध में जाते कहां है आजकल
और ज़मीर की जरूरत इंसानों को जीने के
लिए पड़ती कहां है आजकल !
