वजह तुम हो......
वजह तुम हो......
ये जो मंद मंद मुस्कान रहती है ना कभी कभार....
जानते हो क्या??
इसकी वजह तुम हो...
हर रात सोचते निकलती है कि क्या होगा आगे
और सुबह जो हर दिन की तरह जाग जाते हैं न??
वजह तुम हो.....
कभी अफसोस होता है कि ऐसा मिला ही क्यों??
जो मिलना नहीं था किस्मत में पर जानते हो क्या???
फिर से मिलन की आस जो होती है न
वजह तुम हो....
चल चलते हैं न सब भूल दुनिया को छोड़ पीछे
कौन यहाँ कितना किसका है????
तुम साथ हो ये दिल हर बार कहता है क्योंकि
वजह तुम हो....
वजह तुम हो, तुम ही थे , तुम ही रहना।
वजह बने रहना चाहे जो हो सुनना कहना।