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KAMESH YADAV

Romance Fantasy Inspirational

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KAMESH YADAV

Romance Fantasy Inspirational

उफ्फ ये नादानियां तुम्हारी

उफ्फ ये नादानियां तुम्हारी

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यूँ तो हम तुमको जानते नही थे 

पर जब बात हुई तो 

थोड़ी बहुत जान पहचान हो गई...


सुना है तुमको किसी से 

बात करना ज्यादा पसंद नही 

लेकिन फिर भी आज तुम 

मुझसे बात करती हो...


पर क्यूँ इसका जबाब 

न तुम जानते हो न हम...  

हो सकता है कि तुम्हारी दास्ता  

के किस्से मुझे सुनना चाहते थे 

या फिर तुम मेरी दास्ता 

की कोई पेहली 

जो तुम सुनना चाहती हो... 


वैसे तो तुम्हारी सादगी 

तुम्हारे चेहरे से छलकती है 

लेकिन तुम दिल से भी 

उतनी ही सादगी के साथ 

जिन्दगी जी रहे हो 


उन पेशानी के किस्से 

जो हमने तुम्हारे लबों से सुने है 

उससे लगता है 

अभी भी तुम नादान ही हो

उफ्फ ये नादानियां तुम्हारी 


जो आज भी तुम्हारी ही है

शायद इसलिए आज भी तुम 

उतनी ही उलझी हुई सी हो 

जितना मैं तुम्हें 

समझने की कोशिश करता हूँ  


उतना ही मैं भी 

तुम्हारी नादानियों में उलझता हूँ 

और ये ही नादानी 

तुम्हारे करीब ले जा रही है।


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