अहमियत
अहमियत
मैं जानता हूँ कि..
हम दोनों का रिश्ता
जो की अब कोई खास नहीं रहा,
लेकिन रिश्ता खास होना भी
तो जरूरी नहीं होता है..
बस बात तो अब
हम दोनों की
अहमियत की है..
जो कहीं न कहीं
हम दोनों को जोड़े रखती है,
कुछ साल पहले तो
हम दोनों एक दूसरे को
काफी हद तक
अच्छे से जानते थे
बस इसलिए
अब जो रिश्ता बच गया है
वो है अहमियत का
जो मुझको तुम से
तुमको मुझ से
दूर रखता है ...
