तुम न छोड़ना
तुम न छोड़ना
जमाना रूढ़ जाए पर तुम न रूठना,
हैं खूबसूरत ये जिंदगी बस तुम हाथ न छोडना।
मैं मुश्किलें भी पार कर जाऊँगी
बस तुम साथ न छोड़ना।
मैं नफरत को भी प्यार कर लुंगी
बस तुम ये सहारा न छोड़ना।
रूढे हुए को भी मनाना सिख लूंगी
बस कभी तुम न रूठना
जलते हुए अंगारो से भी गुज़र जाऊंगी
बस तुम मेरी उम्मीद को मत छोड़ना।
असम्भव को भी संभव बना दूंगी
बस तुम इन इरादों को न छोड़ना।
सुखे पत्तो में भी जान भर दूंगी
बस तुम इस होशले को न छोड़ना।
हर मुश्किल में भी साया बनूँगी
बस तुम मेरी ताकत को न छोड़ना।
मैं हर कमजोरी को भी ताकत बना दूंगी
बस तुम इस मज़बूत इरादे को न छोड़ना।
जिन्दगी का सफर तुम्हारे साथ ही अच्छा लगा हैं
बस तुम इस सफर को न छोड़ना
बस तुम इस सफर को न छोड़ना।

