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Bhawna Panwar

Inspirational

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Bhawna Panwar

Inspirational

किसान

किसान

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किसान हूं मैं

भूख मिटाने बोता मैं, अन्न का बीज हूं

रात दिन फसलों का ध्यान रख

जीवन व्याप्त करता,वही कृषि जीव हूं।


बिन बारिश के कभी अधूरा तो

कभी ज्यादा बारिश से बिखरा और मुरझाया,

कभी मेरे फूलों से लबालब खेत को देख मुस्कुराया

तो कभी मौसम से बौखलाया मैं

वही जीव हूं, हां मैं कृषि जीव हूं।


कभी मैं इनकी ख़ूबसूरती को देख

नजर उतारता, कभी उन्हीं को अपनी आंखों में

कैद करता, कभी इनकी प्यास से मरती जनता को देखता

तो कभी हाल ए महंगाई से हा हा कार करती

अपनी आवाज को छुपाता वही जीव हूं ,हां मैं कृषि जीव हूं।


इस धरती को अपने हाथों से जीवित करता

मैं वही अभिमान हूं,

अमीर- गरीब सभी की थाली में परोसे जाने वाला,

वो सम्मान हूं,

और शायद सही कहा किसी ने

मैं अन्न पैदा करने वाला उस मां का साक्षात्कार हूं

हां मैं वही कृषि जीव हूं।।


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