बारिश आई
बारिश आई
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बारिश आई, खुशियां लाई,
खेतों में आएगी हरियाली भारी
देख उसको खिलेगी
किसान की मुस्कान प्यारी।
कहीं भर जायेंगे कुएं सारे
तो कही मिलेगा पशुओं को
भरपूर जल,
कहीं छलक उठेगा
धूप में ले जाती औरतों के
पैरों पर जल
तो कही होगा बच्चों के
लिए खेलने कूदने वाला जल।
न प्यासा सागर होगा
न प्यासी ये जमीन
न प्यासा इंसा होगा
न प्यासा पशु पक्षी
खिलेगी मुस्कान सभी की प्यारी
जब आएगी बारिश की बौछार बेहद सारी।