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prashant kengar

Romance

4  

prashant kengar

Romance

जन्नत की हूर...

जन्नत की हूर...

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तुझे क्या कहूँ, कैसे कहूँ, मेरे लिए है कौन तू,

मेरा प्यार है, करार है, जन्नत की है कोई हूर तू


मेरी सुबह की पहली किरण, मेरी शाम का है रंग तू,

जो साथ है मेरे हर घडी, वफ़ा का वो साया है तू,

मेरी आँखों का है नूर, मेरे दिल का है सुकून तू,

जो दिल को मेरे छू ले, वो प्यार का नग़मा है तू


तुझे क्या कहूँ, कैसे कहूँ, मेरे लिए है कौन तू,

मेरा प्यार है, करार है, जन्नत की है कोई हूर तू


मेरी हर ख़ुशी की हर हसीं, मेरे ग़म का भी साथी है तू,

जो खुदा से हूँ मैं मांगता, बस एक वह दुआं है तू,

मेरे ख़्वाबों का है कारवां, मेरा हर हसीन सपना है तू,

जो चाहता है दिल मेरा, वो आखरी ख्वाहिश है तू


तुझे क्या कहूँ, कैसे कहूँ, मेरे लिए है कौन तू,

मेरा प्यार है, करार है, जन्नत की है कोई हूर तू।


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